दोस्तों आज आप IPO के बारे में जानेंगे, की यह कैसे काम करता है।

जब भी कोई प्राइवट लिमिटेड कम्पनी Public से पैसे लेना चाहती हैं तो बो सीधे पब्लिक से पैसे नहि ले सकती। उसके लिए उसे स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होना पड़ेगा। इसी प्रॉसेस को IPO कहते हैं।

आईपीओ किसे कहते हैं

किसी भी कंपनी को आईपीओ की तभी जरूरत पड़ती है या उसे कंपनी को विस्तार करना होता है या उसके लोन चुकाने होते हैं।

ipo क्यों चाहिए।

1-निवेश बैंक कि भर्ती।  2-कानूनी प्रक्रिया आवश्यकताएँ  3-आईपीओ मूल्य वितरण

आईपीओ प्रक्रिया

1-फिक्स प्राइस इश्यू  2-बुक बिल्डिंग इश्यू

आईपीओ मूल्य निर्धारण का प्रकार

Distibution प्रॉसेस में कम्पनी और निवेशक बैंक मिल कर IPO के share को पब्लिक में बेचते हैं।

Distribution Of IPO share

The Application Process

जब इन्स्टिटूशनल buyer, ज़्यादा पैसे बाले लोग और खुदरा निवेश करने बाले कम्पनी में निवेश करने के लिए तैयार हो जाते हैं तो इसमें ऐप्लिकेशन डालते हैं ।

जब ऐप्लिकेशन पूर्ण हो जाती हैं। तब share देने की बारी आती हैं। इसके कोटा चलता हैं। इसी कोटे के आधार पर share बाटे जाते हैं।

Share Allotments

Listing On stock Exchange

यह फ़ाइनल स्टेप होता हैं।किसी भी कम्पनी को पब्लिक ऑफ़रिंग के लिए उसे स्टॉक इक्स्चेंज में लिस्टेड होना होता हैं।

आईपीओ के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए स्वीप अप करे.