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सरल शब्दों में बताया जाए तो Insurance एक contract होता हैं व्यक्ति(लेने बाला) और कम्पनी(देने बाली ) के बीच जिसमें कम्पनी आपको वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती हैं अगर कुछ अनहोनी हो जाती हैं बदले में आप कम्पनी को रेगुलर या लिमिटेड धन प्रीमीयम के तौर पर देते हो।
उदाहरण के लिए – आपने अपनी कार का ज़ीरो dep का insurance कराया हैं। और आप उसका ₹15000/- सालाना पेमेंट करते हैं। भगवान ना करे, कभी Accident हो गया। जिसमें आपकी कार की बहुत बुरी हालत हो गयी।
जब आप उसे एजेन्सी ले गए बानबाने के लिए। तो उन्होंने बोला 1.5लाख का ख़र्चा आएगा। उस समय आप अपने कार Insurance के बारे में बताए। तो आपकी कार का ख़र्चा इन्शुरन्स कम्पनी pay करेगी।
Factor Affecting Of Insurance
यहाँ पर कुछ इन्शुरन्स के term दिए गए हैं जो बीमा करवाते समय बहुत फ़र्क़ पड़ता हैं।
1-Sum Assured
किसी भी बीमा को लेते समय सुनिश्चित राशि बहुत मायने रखती हैं। क्यों की यही तय करती हैं की आपको कितने धन की आवश्यकता हैं अगर कोई अनहोनी होती हैं। या फिर यह कहे की अगर आपने अपना स्वास्थ्य बीमा कितने धन का लेना चाहेंगे।
की अगर आप ज़्यादा बीमार या कोई बड़ी बीमारी हो जाए तो उस बीमारी का ख़र्चा Insurance की राशि से निकाल आए। आपका Insurance क्लेम किया हुआ धन के अलावा कोई भी अतिरिक्त धन खर्च ना हो।
2-Policy Premium
बीमा पॉलिसी का प्रीमियम वह राशि है जो आपको बीमा कवर की एक विशिष्ट राशि खरीदने के लिए भुगतान किया जाता है। यह निर्भर करती हैं की आप कितना Sum Assured लेना चाहते हैं।
आप जितना ज़्यादा बीमा कवर लेंगे। उतना ही ज़्यादा आपकी इन्शुरन्स राशि होगी। और इसे आम तौर पर एक नियमित लागत के रूप में व्यक्त किया जाता है, चाहे वह मासिक, त्रैमासिक, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक हो, जो आप प्रीमियम भुगतान अवधि के दौरान करते हैं।
3-Policy period
किसी भी बीमा को ख़रीदने के लिए उस बीमा की अवधि बहुत मायने रखती हैं। Insurance Period निर्भर करता हैं की आपको क्या लगता हैं की आप जिस चीज़ का बीमा कर रहे हैं। उस पर कब तक जोखिम हैं।
और कुछ चीजे ऐसी होती हैं । जिनका बीमा हमेशा रहता हैं। क्यों की भारत सरकार ने भी बोल रखा हैं अगर बिना बीमा ke पकड़े गए तो आपको जुर्माना भरना पड़ेगा। आप समझ गए होगे की में किसकी बात कर रहा हु। जी हाँ Motor Insurance और two-wheeler Insurance।
4-Deductible
कटौती योग्य एक विशिष्ट राशि है जिसे बीमाकर्ता द्वारा दावा का भुगतान करने से पहले पॉलिसी-धारक को अपनी जेब से भुगतान करना होगा। डिडक्टिबल्स बड़ी मात्रा में छोटे और महत्वहीन दावों के लिए निवारक के रूप में काम करते हैं। डिडक्टिबल्स बीमाकर्ता और पॉलिसी के प्रकार के आधार पर प्रति-नीति या प्रति-दावा लागू कर सकते हैं।
बहुत अधिक डिडक्टिबल्स वाली नीतियां आम तौर पर कम खर्चीली होती हैं क्योंकि उच्च आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च आमतौर पर कम छोटे दावों में परिणत होता है।
How Insurance Works in India?
दोस्तों जैसे की मेने अभी बताया,एक बीमा पॉलिसी एक कानूनी अनुबंध है जो पॉलिसीधारक और बीमा कंपनी दोनों को एक दूसरे के प्रति बांधता है। इसमें उन शर्तों या परिस्थितियों के सभी विवरण हैं जिनके तहत बीमित व्यक्ति या पॉलिसी नामित व्यक्ति बीमाकर्ता से बीमा लाभ प्राप्त करता है।इसीलिए आज के समय में बीमा करना अति आवश्यक हैं। बीमा एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा आप अपनी और अपने परिवार को वित्तीय संकट का सामना करने से बचा सकते हैं।
आप उसी के लिए एक बीमा पॉलिसी खरीदते हैं, जबकि बीमा कंपनी इसमें शामिल जोखिम लेती है और एक विशिष्ट प्रीमियम पर बीमा कवर प्रदान करती है।किसी भी घटना के मामले में, बीमित व्यक्ति या नामांकित व्यक्ति बीमाकर्ता के पास दावा दायर कर सकता है। दावों के मूल्यांकन मानदंड के आधार पर, बीमाकर्ता दावे के आवेदन की Verification करता है और अगर Verification सफलता पूर्वक सम्पूर्ण होती हैं तो बीमा कम्पनी दावा करने बाले व्यक्ति को बीना कवर की धन राशि प्रदान कर देती हैं।
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Types Of Insurance
insurance बिभिन्न प्रकार के होते हैं। जो की नीचे दिए गए हैं।
1-Health Insurance
स्वास्थ बीमा आम तौर पर मेट्रो शहरों में ज़्यादा उपयोग करने बाला बीमा होता हैं। इस बीमा के अंतर्गत व्यक्ति अपने स्वास्थ के लिए बीमा करता हैं और इसमें Sum-Assured बहुत मायने रखता हैं।
जब व्यक्ति किसी बीमारी के चलते बीमार हो जाता हैं। उस दशा में बीमा कम्पनी व्यक्ति के इलाज के लिए hospital को बीमा कवर मेंसे राशि प्रदान करता हैं। और बीमा कम्पनी केवल उतना ही धन राशि देने के लिए वाध्य हैं जितना उस व्यक्ति ने कवर लिया था। इसमें व्यक्ति जो भी बीमा करता हैं वही बीमा राशि का उपयोग करता हैं।
2-Life Insurance
जीवन बीमा वह बीमा होता हैं, जिसमें कोई भी धन कमाने बाला व्यक्ति अपने परिवार को वित्तीय संकट से बचाने के लिए अपना जीवन बीमा करता हैं। इस बीमा के अंतर्गत अगर उस व्यक्ति की किसी कारण बस मृत्यु हो जाती हैं।
उस दशा में जो भी बीमा में नामांकित होगा उस व्यक्ति को बीमा कवर की धन राशि प्राप्त हो जाती हैं। इस बीमा में जो व्यक्ति अपना बीमा करता हैं । बो इस बीमा कवर के धन का लाभ नहि ले सकता।
3-Motor Insurance
मोटर बीमा के अंतर्गत, बीना किसी भी कार,बस या ट्रक का किया जाता हैं। और यदि इन बाहनो का किसी कारण से Accident हो जाता हैं तो बीमा कम्पनी इनकी मरम्मत के लिए धन प्रदान करती हैं। मोटर बीमा भारत सरकार द्वारा ट्रैफ़िक नियमो के लिए अनिवार्य हैं।
4-Two-Wheeler Insurance
इस बीमा में, बाइक का बीमा किया जाता हैं। और यह बीमा भारत सरकार द्वारा बाइक चलाने के लिए अनिवार्य हैं। अगर आप बिना बीमा के बाइक चलते हुए ट्रैफ़िक police के द्वारा पकड़े जाते हैं या ट्रैफ़िक कैमरा की नज़र में आते हैं तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता हैं।
इस बीमा के अंतर्गत दो प्रकार के बीमा होता हैं। एक third party insurance और दूसरा Zero Dep. Insurance.
Features and Benefits Of Insurance?
दोस्तों जैसे की हम लोग जानते हैं बीमा हमारे लिए और हमारे समय के लिए बहुत लाभदायक हैं। बीमा की बजह से हम आज अपने परिवार को वित्तीय परेशानी से दूर करते हैं। इसके कुछ विशेषतायें और लाभ नीचे दिए गए हैं।
1-Cover against Uncertainties
यह बीमा के सबसे महत्यपूर्ण लाभों में से एक हैं। इस बीमा के अंतर्गत जो कोई भी व्यक्ति बीमा करता हैं,और उस बीमा में जिसे नामांकित करता हैं। अगर बीमित व्यक्ति को किसी कारण से छतिग्रस्त हो जाता हैं तो उस दशा में बीमा में नामांकित व्यक्ति को उस बीमा के कवर की सम्पूर्ण धनराशि मिल जाती हैं। जिससे वह अपने परिवार को वित्तीय समस्याओं से बचाता हैं।
2-Investment Opportunities
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, प्रीमियम का एक हिस्सा कई मार्केट लिंक्ड फंड्स में निवेश करता है। और इसके साथ साथ आपको बीमा कवर भी मिलता हैं।इस तरह, वे आपको बाजार से जुड़े रिटर्न के लाभ के लिए नियमित रूप से पैसा निवेश करने और अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।
अगर maturity के समय तक व्यक्ति को कुछ हो जाता हैं तो उस दशा में,यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान वही समाप्त कर दिया जाता हैं। और जो बीमा का कवर होगा बो इस प्लान के नामांकित के व्यक्ति को दे दिया जाता हैं।
3-Insurance for Financial Security
अगर अपने अपना बीमा कराया हैं तो बीमा आपको लागत प्रभावी तरीके से अस्पताल में भर्ती होने, गंभीर बीमारी, ऋण आदि जैसी आकस्मिक देनदारियों को प्रदान करने में मदद करता है। और बीमा के कवर से आप इन परेशानियो से छुटकारा पा सकते हैं।
4-Tax Benefits
जब आप किसी भी प्रकार का बीमा कराते हैं तो आपको अधिकांश बीमा पॉलिसियों के परिपक्वता लाभ धारा 10 (10D) के तहत कर मुक्त हैं और भुगतान किया गया प्रीमियम आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत कटौती के लिए पात्र है। जो की बीमा का बहुत बड़ा लाभ हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न- कौनसा बीमा लेना बहुत ज़रूरी हैं?
उत्तर– आज के समय में सबसे पहले स्वास्थ बीमा और जीवन बीमा लेना बहुत ज़रूरी हैं।
प्रश्न-बीमा कहा से लेना चाहिये?
उत्तर– आपको बीमा सीधे कम्पनी से लेना चाहिये। जिससे आपको किसी थर्ड पार्टी को कमीशन देने की ज़रूरत नहीं हैं।