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फॉर्म 15G या 15H स्व-घोषणा फॉर्म हैं जो बताते हैं कि किसी की आय कर योग्य सीमा से कम है और इसलिए कर से मुक्त है। अतः बैंक जो फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस काट लेता हैं अगर आपकी फॉर्म 15G और 15H की योग्यता हैं तो आपका टीडीएस बच सकता हैं।
अपनी फॉर्म 15G और 15H फॉर्म की योग्यता जांचने के लिए पोस्ट को ध्यान से पढे।
फार्म 15G क्या हैं।
फार्म 15G एक स्व- घोषणा फॉर्म हैं जो 60 साल से कम उम्र के लोग अपना टीडीएस बचाने के लिए बैंक में जमा करते हैं।
यदि कोई व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में कोई आमदनी कमाता हैं फिर चाहे वो सैलरी,व्यापार और किराया से आमदनी हो बो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत आती हैं।
टीडीएस (Tax Deducted at Source) आपकी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट की आमदनी पर लगता हैं अगर आपकी एक साल में व्याज आमदनी 40,000 से अधिक हैं। और आप 60 साल से कम उमड़े हैं।
और आप चाहते हैं की आपका बैंक टीडीएस नही काटे उसके लिए आपकी टोटल व्याज आमदनी उस साल की 2.5लाख से तक या उससे कम होनी चाहिए और संपूर्ण आमदनी सैलरी + व्याज की 5लाख से कम हो तो आप फॉर्म 15G बैक में जमा कर सकते हैं उसके बाद बैंक आपका टीडीएस नही कटेगा। क्यों की आपकी संपूर्ण आय कर आमदनी जीरो हैं।
फार्म 15G जमा करने की योग्यता
बैंक में फॉर्म 15G जमा करने से पहले आप ये सुनिश्चित कर ले की आपका टीडीएस कटे नही उसके लिए आप योग्यता रखते हैं या नहीं। इसके लिए मैने कुछ नीचे बाते लिखी हैं।
- कोई भी निवासी भारतीय व्यक्ति या एक हिंदू अविभाजित परिवार हैं।
- जिसकी उम्र 60 साल से कम है
- जिसकी कर देयता शून्य है
- उस व्यक्ति ने जो कुल ब्याज आय अर्जित की है वह टैक्स स्लैब की सीमा से कम है। या सरल शब्दों में आपकी कुल ब्याज आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
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फार्म 15H क्या हैं।
फार्म 15H बिलकुल फॉर्म 15G की तरह ही होता हैं और काम भी करता हैं बस यह 60 साल से ज्यादा के उम्र के लोगो के लिए होता हैं जिनकी व्याज आमदनी सालाना 50,000 से ज्यादा की होती हैं। और संपूर्ण आय कर आमदनी जीरो होती हैं। ऐसे वरिष्ठ नागरिक बैंक में फॉर्म 15H जमा कर सकते हैं जिससे उस साल का टीडीएस बैंक न काटे। और यह फॉर्म 15H पहले व्याज मिलने से पहले जमा करना होता हैं।
फॉर्म 15H और फॉर्म 15H के बीच अंतर
फार्म 15G और फॉर्म 15H दोनो फॉर्म समान उद्देश्य के लिए जमा किए जाते हैं लेकिन फिर भी कुछ मामूली अंतर होता हैं जो समझना बहुत जरूरी होता हैं। क्यों की यही अंतर अक्सर लोगो को कन्फ्यूज कर देता हैं।
फॉर्म 15जी | फॉर्म 15एच |
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फॉर्म 15G का उपयोग करने के लिए आपकी आयु 60 वर्ष से कम होनी चाहिए | फॉर्म 15H का उपयोग करने के लिए आपकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए |
कुल ब्याज आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए | फॉर्म 15H के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है |
ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए | ब्याज आय 50,000 रुपये से अधिक होनी चाहिए |
हिंदू अविभाजित परिवार भी फॉर्म 15G का उपयोग कर सकते हैं | हिंदू अविभाजित परिवारों के लिए फॉर्म 15H उपलब्ध नहीं है |
जैसे की हमने ऊपर सारणी में देखा की फॉर्म 15G या फॉर्म 15H में क्या क्या अंतर हैं और कौन कौन उपयोग कर सकता हैं। इनकी क्या लिमिट हैं।
अब हम एक उदाहरण लेके आसान तरीके से समझते है की फॉर्म 15G कौन व्यक्ति उपयोग कर सकता हैं और वो अपना टीडीएस कैसे बचा सकता हैं। क्या वो फॉर्म 15G उपयोग करने की शर्तो को पूरा करता हैं या नहीं।
उदाहरण:
करदाता की आयु (भारतीय निवासी) | 52 साल |
वेतन से आय | 3 लाख |
FD ब्याज से आय | 2 लाख |
कुल कर योग्य आय | 5लाख |
धारा 80सी के तहत कटौती | 1.5लाख |
धारा 80डी के तहत कटौती | 50,000 |
कुल कर योग्य आय | 3लाख |
देय कर | आय का 5% INR 2.5 लाख से अधिक = 50,000 रुपये का 5% = INR 2500 |
धारा 87A . के तहत कर छूट | 12,500 |
देय कर | 0 |
ऊपर दी गई तालिका में इस व्यक्ति की कर देयता जीरो हैं। और कुछ बाते सामने निकल कर आई हैं। क्या यह व्यक्ति फॉर्म 15G की शर्तो को पूरा करता हैं?
निवासी भारतीय करदाता | हां जी |
आयु 60 वर्ष से कम | हां जी |
कर देयता शून्य है | हां जी |
कुल ब्याज आय 2.5 लाख रुपये की सीमा से कम है | हां जी |
ऊपर दिए गए उदाहरण से आप लोगो को आसान से शब्दो में समझ में आ गया होगा की अगर कोई 60 साल से कम की उम्र का व्यक्ति जिसकी संपूर्ण व्याज आमदनी ₹2.5लाख से कम हैं और कर देयता जीरो हैं तो ऐसे व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार फॉर्म 15G भरने के लिए योग्यता रखते हैं और ऐसे व्यक्तियों का टीडीएस नही काटा जाता हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न- फॉर्म 15G कौन भर सकता हैं।
उत्तर – ऐसे व्यक्ति जिनकी उम्र 60साल से कम हैं और जो हिंदू अविभाजित परिवार हैं जिनकी संपूर्ण व्याज आमदनी ₹2.5लाख से कम हैं और कोई कर देयता नही बनती हैं बो व्यक्ति फॉर्म 15H भर सकते हैं।
प्रश्न – फॉर्म 15G भरने की लास्ट डेट क्या हैं?
उत्तर – फॉर्म 15G आपको प्रत्येक वित्तीय साल में जमा करना होता हैं, और अगर आप एफडी का व्याज मिलने से पहले जमा कर दे तो आपका टीडीएस कटने से बच जायेगा। और वैसे आप साल भर में से कभी भी जमा कर सकते हैं।
प्रश्न – फॉर्म 15H क्या होता हैं?
उत्तर – फॉर्म 15H एक स्वयं – घोषणा पत्र होता हैं जिसमे लिखा होता हैं की मेरी आय आमदनी कर दे से कम हैं अतः मेरा एफडी के व्याज पर टीडीएस न काटा जाए। और फॉर्म 15H 60 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगो के लिए होता हैं।